बकरीद पर कुर्बानी से पहले और बाद में किन नियमों को फालो करना होता है जरूरी

हजरत इब्राहीम को जब बार-बार अल्लाह के लिए अपने बेटे की कुर्बानी का सपना आने लगा तो उन्होंने यह बात अपने बेटे को बताई.

ऐसा सुनते ही उनके बेटे इसे ईश्वर की रजा मानते हुए तुरंत राजी हो गये.

मान्यता है कि ईश्वर इस कुर्बानी के जरिए अपने दूत इब्राहीम की परीक्षा ले रहे थे.

मान्यता है कि जिस समय इब्राहीम अपने बेटे को कुर्बान करने चले, उस समय शैतान ने उनके मन को भटकाने की कोशिश की

लेकिन वे जरा भी नहीं डगमगाए और उन्होंने अपनी आंखों में पट्टी बांध कर कुर्बानी की प्रक्रिया पूरी की.

मान्यता है कि जब इब्राहीम अपने बेटे की कुर्बानी दे रहे थे तभी ईश्वर ने उनके बेटे को हटाकर उसकी जगह एक बकरा रख दिया था.

इस्लाम में तब से लेकर आज तक बकरीद पर कुर्बानी देने की परंपरा चली आ रही है.

बकरीद पर्व पर व्यक्ति को कुर्बानी देने से पहले स्नान करना और उसके बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनकर नमाज अता करने को जरूरी माना गया है.

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