सनातन धर्म में पूजा-पाठ करना, देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका माना गया है

विशेष रूप से ध्यान रखें कि भगवान को चढ़ाया जाने वाला भोग साफ-सुथरा और सात्विक होना चाहिए

भगवान को चढ़ाए जाने वाले भोग को तैयार करते समय रसोई की अच्छी तरह सफाई कर लें

साथ ही खुद की सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

हमेशा स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनकर ही भगवान को प्रसाद तैयार करें।

भोग लगाने के बाद प्रसाद को मंदिर में ही रखा न छोड़े। ऐसा करने से घर में नकारात्मकता आती है।

भोग लगाने के बाद उसे परिवार के सदस्यों में बांट दें। और भोग लगाते समय यह मंत्र बोलने से लाभ मिलता है

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

अर्थ- हे ईश्वर मेरे पास जो भी है वो आपका ही दिया हुआ है।

आपका दिया आपको समर्पित करता हूं। कृपा करके इसे ग्रहण करे और मुझ पर प्रसन्न हों।