तेज गर्मियों में भी बच्चे का खेलना-कूदना तो बंद हो नहीं सकता

लेकिन चिलचिलाती धूप और गर्मी बच्चे की सेहत के साथ ही स्किन के लिए भी नुकसान करती है

इसलिए सेहत के साथ उसकी बॉडी का भी पूरा ध्यान रखें

अधिकतर धूप, गर्मी, पसीना, धूल-मिट्टी की वजह से बच्चों के शरीर पर रैशेज, घमौरियां, टैनिंग की दिक्कत होने लगती है

इसलिए जरूरी है कि घरेलू नुस्खों के साथ ही सनस्क्रीन को भी बच्चों को जरूर लगाएं

बच्चों की सेहत के लिए जरूरी है कि उन्हें दोपहर के 12 बजे से 4 बजे तक धूप में ना निकलने दें

बड़ों की तरह ही बच्चों के लिए भी सनस्क्रीन जरूरी है

अगर बच्चा 12 साल से बड़ा है और बाहर प्लेग्राउंड में जमकर खेलता है तो जरूरी है कि उसे सनस्क्रीन की प्रोटेक्शन दी जाए

बच्चा स्कूल से घर लौटे या खेलकर घर लौटे, जरूरी है कि उसे नहाने को बोलें

नहाने से शरीर पर बैठे बैक्टीरिया और जर्म्स धुल जाएंगे

जमे हुए बैक्टीरिया ही स्किन पर फोड़े, फुंसी और दानों के साथ ही फंगल इंफेक्शन का रूप ले लेते हैं