इंटरनेशनल जर्नल आफ सोशल साइकियाट्री में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार

भारत में हर चौथा व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य समस्या, जैसे चिंता, तनाव, अवसाद, आदि से ग्रस्त है

वहीं यूनिसेफ की 2021 की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 14 फीसद बच्चे अवसाद की गिरफ्त में हैं

लगातार बढ़ रही इस समस्या के समाधान के लिए हम सभी को मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सजग होने की जरूरत है

व्यक्ति की समस्याओं को अक्सर लोग भूत- प्रेत, पागलपन, दिमागी दौरा, मिर्गी का दौरा समझकर कई लोग शर्मिंदा महसूस करने लगते हैं

दूसरों को पता न चल जाए, इस सोच से ग्रसित होकर लोग चुपके से झाड़ फूंक, जादू- टोना, तंत्र मंत्र का सहारा लेने लगते हैं

कई लोग इसे इतने हल्के में लेते हैं कि वे झोलाछाप की शरण में चले जाते हैं

जिस कारण मरीज व उसके परिजन इनके दलदल में फंसते ही चले जाते हैं

नतीजा यह होता है कि मरीज की दशा दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जाती है

कई मामलों में तो अवसाद की चपेट में आकर मरीज की जान तक चली जाती है।