जब भी हमारे आसपास कोई दर्द भरे गाने या सैड म्यूजिक सुनता है

दरअसल दर्द भरे गाने हमें हमारी खूबसूरत यादों से जोड़ने में मदद करते हैं

और अकेलेपन में सुकून देते हैं हमारा साथी बनकर। हाल ही की रिसर्च में यह दावा किया गया है

कि हम अपनी जिंदगी में कभी उदास नहीं होना चाहते

लेकिन म्यूज़िक के जरिए उस फीलिंग को एक बार फील जरूर करना चाहते हैं

ये गाने पुरानी यादों की गहराई में तो ले जाते हैं पर हर वक्त उदास करे ऐसा जरूरी नहीं

दुख, उदासी या तनाव की स्थिति में सैड म्यूजिक प्रोलेक्टिन हार्मोन रिलीज को एक्टिव करता है

तकलीफ कम करने वाले असर की वजह से यह दर्द कम करने में खास रोल प्ले करता है

इससे दुख को ज्यादा बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है

ये लिस्नर को फीलिंग शो करने, स्ट्रेस कम करने और अकेलेपन की सिचुएशन में साथ और सुकून देते हैं