मोबाइल, टीवी और कम्प्यूटर-लैपटॉप जैसे गैजेट्स का लगातार इस्तेमाल बच्चों और युवाओं पर भारी पड़ रहा है
इनकी आंखें समय से पहले बूढ़ी हो गई हैं. बार-बार स्क्रीन एक्सपोजर के चलते आंखें मायोपिया, हाइपर मेट्रोपिया और एस्टिग्मेटिज्म की शिकार हो रही हैं
चिंताजनक है कि तीन साल के भीतर इसका ग्राफ दोगुना हो गया है
नेत्र विभाग ने नवंबर 2022 से मई 2023 के बीच ओपीडी में आए 27190 मरीजों की जांच की
इनमें 7808 यानी 26 फीसदी रोगी ऐसे थे, जिनकी आंखें समय से पहले कमजोर हो चुकी थीं
इन्हें तुरंत चश्मा लगाया गया. विशेषज्ञों के मुताबित कोरोना काल से पहले यह आंकड़ा 13 प्रतिशत था
अध्ययन में डॉक्टरों ने बीमार आंखों वाले 11 से 18 साल की उम्र वाले बच्चों और 18 से 40 साल तक के युवाओं को लिया. में नीम का तेल लगाना चाहिए
सामने आया कि बच्चे ही नहीं, युवाओं का स्क्रीन एक्सपोजर मोबाइल, लैपटॉप, कम्प्यूटर पर 7 से 13 घंटे तक पाया गया
सनलाइट एक्सपोजर यानी धूप की रोशनी लेने का समय एक से तीन घंटे ही पाया गया, जबकि पहले यह कम से कम 6-7 घंटे रहता था.
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