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Indian Railway: वैष्णो देवी जाने वाले भक्तों को लिए खुशखबरी, वाराणसी से वैष्णो देवी जाने के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेन

Indian Railway: भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए समय-समय पर कदम उठाता रहता है। स्पेशल ट्रेनों का संचालन भी इनमें से एक है। मां वैष्णो देवी जाने वाले रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। रेलवे 26 मई से वाराणसी-जम्मूतवी के लिए नई स्पेशल ट्रेन 04662/04661 शुरू कर रहा है।

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मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार के अनुसार 26 मई को ट्रेन संख्या 04662 जम्मूतवी से रात 11 बजकर 20 मिनट पर रवाना होगी। यह अगले दिन 27 मई को रात 10:55 बजे वाराणसी कैंट स्टेशन पहुंचेगी। वहीं, वापसी दिशा में ट्रेन संख्या 04661 वाराणसी कैंट स्टेशन से सुबह 7:30 बजे रवाना होकर अगले दिन सुबह 9:15 बजे जम्मूतवी पहुंचेगी।

इस स्पेशल ट्रेन में एसी, स्लीपर और जनरल कोच होंगे। देश भर से बड़ी संख्या में लोग माता वैष्णो देवी के दर्शन करने जाते हैं। रेलवे ने यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला किया है।

जम्मूतवी एक्सप्रेस 28 से 30 मई तक वाराणसी से नहीं चलेगी

28 से 30 मई तक जम्मू तवी एक्सप्रेस ट्रेन वाराणसी कैंट नहीं आएगी और जाएगी। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक फिरोजपुर मंडल में एनआई (नॉन इंटरलॉकिंग) कार्य के चलते यह पठानकोट पर ही समाप्त होगा। इससे जम्मू तवी स्टेशन तक सफर करने वाले यात्रियों को दूसरी ट्रेनों का सहारा लेना पड़ेगा।

अब ड्रेस में होंगे एसी कोच के अटेंडेंट

अटेंडेंट बनारस और मऊ रेलवे स्टेशनों से गुजरने वाली ट्रेनों के एससी कोच में ड्रेस पहनेंगे। यात्रियों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है। उत्तर पूर्व रेलवे प्रशासन के मुताबिक बेडरोल कर्मियों की ड्रेल नीले रंग की रहेगी, लेकिन वे इसके ऊपर नारंगी रंग की जैकेट पहनेंगे। उत्तर पूर्व तकनीकी कर्मचारियों की पोशाक नीली होगी। बनारस रेलवे स्टेशन से आने और जाने वाली ट्रेनों के एसी कोच में यह व्यवस्था लागू होगी।

जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि यदि कर्मी ड्रेस में रहेंगे तो यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होगी। कर्मचारी की पहचान कर आपकी मांग आराम से पूरी की जा सकती है। बेडरोल कर्मचारियों की जैकेट पर एसी का लेबल लिखा होगा। ट्रेनों में तैनात कर्मचारियों पर ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के जरिए नजर रखी जाएगी। उपस्थिति भी दर्ज की जा सकती है। फीडबैक के आधार पर दूसरे स्टेशनों से जाने वाली ट्रेनों में यह सिस्टम लागू किया जाएगा।

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