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Google Chrome Channel: गूगल के सर्च इंजन का इस्तेमाल दुनिया भर में करोड़ों लोग करते हैं, कैसे करते है ये काम क्या हैं इसके खतरे

Google Chrome Channel: टेक कंपनी गूगल के सर्च इंजन का इस्तेमाल दुनिया भर में करोड़ों लोग करते हैं। गूगल के ब्राउजर क्रोम का इस्तेमाल हर दूसरा यूजर भी करता है। क्रोम में यूजर के लिए समय-समय पर नए-नए फीचर लाए जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप गूगल क्रोम का कौन सा चैनल इस्तेमाल करते हैं?

क्या आपने कभी सोचा है कि वे उपयोगकर्ता कौन हैं जिन्हें Google Chrome की नई सुविधाओं का उपयोग करने का पहला मौका मिलता है? अगर आपके मन में भी ऐसे सवाल आए हैं तो यह लेख आपके लिए एक नई जानकारी हो सकती है।

Google Chrome Channel

क्रोम चैनल क्या है

सबसे पहले यह समझते हैं कि Google Chrome चैनल क्या हैं? दरअसल क्रोम चैनल को गूगल क्रोम ब्राउजर का अलग वर्जन कहा जाता है। कंपनी अपने यूजर्स को अलग-अलग वर्जन इस्तेमाल करने की सुविधा देती है। हालाँकि, प्रत्येक क्रोम चैनल की अपनी विशेषताएं हैं। Google क्रोम ब्राउज़र के लिए चार चैनल प्रदान करता है।

Stable channel

Google Chrome का पहला संस्करण स्टेबल चैनल है। Google के अधिकांश उपयोगकर्ता इस चैनल का उपयोग करते हैं। यानी अगर आप सोच रहे हैं कि आपके फोन में गूगल क्रोम का कौन सा वर्जन है तो इसका जवाब स्टेबल चैनल होने की ज्यादा संभावना है। दरअसल क्रोम के इस वर्जन को हर 6 हफ्ते में अपडेट किया जाता है। यह चैनल आम यूजर्स के लिए ही लाया गया है।

Extended stable channel

Google Chrome का दूसरा संस्करण एक्सटेंडेड स्टेबल चैनल है। इस चैनल पर कंपनी फीचर्स को जल्दी रोलआउट नहीं करती है, लेकिन सुरक्षा संबंधी बग्स को ठीक करने का काम किया जाता है।

Beta Channel

Google Chrome अपने उपयोगकर्ताओं को केवल बीटा चैनल का विकल्प देता है। स्टेबल वर्जन के विपरीत इस चैनल में यूजर्स को कंपनी के नए फीचर्स को सबसे पहले इस्तेमाल करने की सुविधा मिलती है। यानी जहां किसी भी फीचर को आम यूजर्स तक पहुंचाने में वक्त लगता है, वहीं दूसरी तरफ बीटा यूजर्स नए फीचर्स को बिना देर किए इस्तेमाल कर सकते हैं। इन यूजर्स के लिए कंपनी के फीचर्स के अलावा बग्स को भी पहले फिक्स किया जाता है। यह चैनल हर चार सप्ताह में अपडेट और जारी किया जाता है।

Dev channel

स्टेबल और बीटा चैनल्स के अलावा गूगल अपने यूजर्स को देव चैनल का विकल्प भी देता है। यह चैनल एक अस्थिर चैनल है। यानी इसमें लगातार बदलाव होते रहते हैं। Google Chrome के इस चैनल के लिए हर सप्ताह नए अपडेट जारी किए जाते हैं।

Canary channel

गूगल यूजर्स को कैनरी चैनल का भी विकल्प दिया जाता है। कंपनी इस चैनल पर सबसे ज्यादा एक्सपेरिमेंट करती है। इसी तरह किसी बग को फिक्स करने के लिए टेस्ट भी इस वर्जन पर किया जाता है। यह Google चैनल प्रतिदिन नए अपडेट के साथ जारी किया जाता है।

अपनी पसंद के चैनल को ऐसे इस्तेमाल करें

Google Chrome उपयोगकर्ताओं के लिए स्थिर चैनल बाय-डिफ़ॉल्ट है। हालांकि, अगर आप किसी दूसरे चैनल का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आप क्रोम सेटिंग्स ऑप्शन में जा सकते हैं। क्रोम सेटिंग में अबाउट क्रोम पर क्लिक करें। यहां वर्जन पर क्रोम के अलग-अलग चैनल के विकल्प मिलते हैं।

कौन सा संस्करण इस्तेमाल किया जाना चाहिए

दरअसल स्टेबल चैनल सबसे स्टेबल होता है, यह सेफ भी होता है। ऐसे में यूजर्स को क्रोम के इस वर्जन को इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। देव और कैनरी की तुलना में बीटा चैनल अधिक स्थिर है। यह चैनल उन यूजर्स के लिए लाया गया है जो कंपनी के नए फीचर्स को सबसे पहले इस्तेमाल करना चाहते हैं।

देव चैनल बीटा से कम स्थिर है। इस चैनल का उपयोग डेवलपर्स और परीक्षकों द्वारा किया जाता है। कैनरी चैनल की बात करें तो यह चैनल भी सिर्फ डेवेलपर्स के लिए ही लाया गया है। हालाँकि, यह चैनल अन्य चैनलों की तुलना में सबसे कम स्थिर है। ऐसे में जो Developers सबसे प्रयोगात्मक सुविधाओं का उपयोग करना पसंद करते हैं, वे इस चैनल का उपयोग करते हैं।

स्थिर चैनल भी आवश्यक है क्योंकि

दरअसल, किसी भी फीचर को स्टेबल चैनल में तभी लाया जाता है, जब उसे टेस्ट करके पास किया जाता है। इस चैनल के लिए यूजर्स की सुरक्षा और निजता को ध्यान में रखते हुए फीचर लाए गए हैं। दूसरी ओर, बीटा, देव और कैनरी की सुविधाओं का पूरी तरह से परीक्षण नहीं किया गया है।

बग फिक्स का भी पूरी तरह से परीक्षण नहीं किया गया है। ऐसे में यूजर को दूसरी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ये चैनल्स आम यूजर्स के लिए नहीं बल्कि टेस्टर्स और डिवेलपर्स के लिए ही लाए गए हैं।

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