Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य एक महान विद्वान हैं, लोगों को चाणक्य की कही हर बात अधिक पसंद आती है क्योंकि लोग चाणक्य नीति को अपने जीवन में अपनाकर सफलता प्राप्त कर रहे हैं।
महात्मा चाणक्य ने एक श्लोक के माध्यम से स्त्री का विश्लेषण किया है, इस श्लोक से ज्ञात होता है कि स्त्री की सबसे बड़ी शक्ति क्या होती है। इस श्लोक में चाणक्य ने स्त्रियों सहित ब्राह्मणों, राजाओं की शक्ति का वर्णन किया है।
बाहुवीर्यबलं राज्ञो ब्राह्मणो ब्रह्मविद् बली।
रूप यौवन माधुर्यं स्त्रीणां बलमनुत्तमम्।।
इसका अर्थ यह हुआ कि राजाओं का बल बाहुबल है, ब्राह्मणों का बल ज्ञान और विद्या है जबकि स्त्रियों का बल मधुर वाणी, रूप, शील और यौवन है।
महिला की शक्ति
चाणक्य ने नारी शक्ति की चर्चा कर स्पष्ट कर दिया है कि मधुर वाणी स्त्री की सबसे बड़ी ताकत होती है। अपनी मधुर वाणी से एक महिला कभी भी किसी को भी सम्मोहित करने की ताकत रखती है।
वहीं उनकी शारीरिक सुंदरता उनकी दूसरी सबसे बड़ी ताकत है। हालांकि चाणक्य का कहना है कि स्त्री की वाणी की मिठास उसके शारीरिक सौंदर्य से अधिक महत्वपूर्ण है।
क्योंकि जिस महिला की आवाज मधुर होती है वह कम खूबसूरत होने पर भी किसी को भी अपना फैन बना सकती है। अपनी इस शक्ति के दम पर नारी चाहे घर में हो या बाहर हर जगह प्रशंसा पा सकती है।
ब्राह्मण की शक्ति
चाणक्य ने ब्राह्मणों के लिए कहा है कि उनकी सबसे बड़ी शक्ति उनका ज्ञान है। इसी शक्ति के बल पर ब्राह्मण समाज में विशेष सम्मान प्राप्त कर सकता है। ब्राह्मण अपने ज्ञान से किसी भी व्यक्ति की शक्ति को दोगुना कर सकता है।
राजा की शक्ति
चाणक्य की नीति के अनुसार किसी राजा की सबसे अधिक समय तक धारण करने की शक्ति उसके बाहुबल या उसकी शक्तिशाली सैन्य शक्ति पर निर्भर करती है, क्योंकि यदि राजा या नेता कमजोर है तो वह कभी भी शासन को ठीक से नहीं चला सकता है।