Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नैतिकता चाणक्य नीति में जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी दी है, जिससे आप अपने जीवन को सुखी और सफल बना सकते हैं। चाणक्य अर्थशास्त्र के प्रकांड विद्वान थे। आचार्य चाणक्य को कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। चाणक्य नीति में बताई गई नीतियों का पूरे विश्व में पालन किया जाता है। चंद्रगुप्त मौर्य को शासक बनाने में चाणक्य की बड़ी भूमिका थी।
भाग्य पिछले कर्मों पर आधारित
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में बताया है कि व्यक्ति कितना भी प्रयास कर ले लेकिन कुछ चीजें उसे भाग्य से ही मिलती हैं। आचार्य कहते हैं कि जो आपके भाग्य में है वह आपको अवश्य मिलेगा लेकिन जो आपके भाग्य में नहीं है वह लाख प्रयासों के बाद भी प्राप्त नहीं होगा। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में उल्लेख किया है कि व्यक्ति अपने कर्मों का फल भोगता है। हर किसी का भाग्य उसके पिछले कर्मों के अनुसार तय होता है। आचार्य चाणक्य की नीति के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की आयु उसकी माता के गर्भ में निर्धारित होती है।
उम्र मां के गर्भ में लिखी होती है
इंसान जब भी मां के पेट में होता है तो उसकी उम्र उसी समय लिखी जाती है। इसलिए कहा जाता है कि जिसके पास कितना भी धन हो और वह कितनी भी कोशिश कर ले, अपनी उम्र को घटा या बढ़ा नहीं सकता है। आचार्य चाणक्य का कहना है कि जब कोई बच्चा अपनी मां के गर्भ में पल रहा होता है तभी उसके भाग्य में पांच चीजें लिखी जाती हैं। आचार्य चाणक्य की मानें तो उनका कहना है कि मनुष्य के पास जो भी धन होता है वह भी पहले से ही निर्धारित होता है। हर किसी के भाग्य में लिखा होता है कि उसे कितना धन और संपत्ति मिलेगी या नहीं।
मृत्यु से बचना असंभव
आचार्य के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति की शिक्षा भी पूर्व लिखित होती है। यानी आप कितना पढ़ेंगे यह भी आपके भाग्य में लिखा हुआ है। किसी के पास कितना ही धन क्यों न हो, वह किसी दूसरे का ज्ञान हड़प नहीं सकता। आचार्य चाणक्य मृत्यु के बारे में बताते हैं कि इससे बचना नामुमकिन है। यह सबके भाग्य में पहले से ही लिखा होता है।